हर वर्ष 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) न केवल हमारे पर्यावरण के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह हमें जागरूक करता है कि प्रकृति का संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस वर्ष 2025 में, पर्यावरण दिवस की थीम थी: “हमारा भविष्य, हमारी प्रकृति”। इसी संदेश को आत्मसात करते हुए, उत्तराखंड के एक प्रमुख सामाजिक संगठन नीरजा देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट ने ऋषिकेश के आईएसबीटी ट्रांजिट कैंप में एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन कर पर्यावरण जागरूकता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया।
वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य
नीरजा देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट का यह आयोजन केवल पौधे लगाने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता अभियान भी था, जिसका उद्देश्य था:
लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना,
जलवायु परिवर्तन के खतरों को उजागर करना,
वृक्षारोपण के माध्यम से धरती को हरा-भरा बनाना,
सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना।
आज जब प्रदूषण, वन कटाई और ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दे गहराते जा रहे हैं, ऐसे में वृक्षारोपण जैसे छोटे-छोटे कदम सामूहिक रूप से बड़े बदलाव ला सकते हैं।

स्थान और आयोजन की झलक
इस अभियान का आयोजन ऋषिकेश के आईएसबीटी ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में किया गया, जो न केवल शहर का एक व्यस्त स्थान है, बल्कि यहाँ बड़ी संख्या में लोग आना-जाना करते हैं। ट्रस्ट ने इस स्थान को इसलिए चुना ताकि अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश पहुँचे कि हर जगह, चाहे शहरी हो या ग्रामीण, पेड़ों का होना आवश्यक है।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 9 बजे ट्रस्ट की संस्थापक सदस्यों द्वारा की गई। इस मौके पर स्थानीय निवासियों, स्वयंसेवकों, स्कूली बच्चों और पर्यावरण प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग
समाज को दिया गया संदेश
ट्रस्ट ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वृक्षों का महत्व केवल ऑक्सीजन देने तक सीमित नहीं है। पेड़ हमारे जीवन चक्र के हर हिस्से में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं — जल स्रोतों की रक्षा, मिट्टी का संरक्षण, जैव विविधता को बनाए रखना और वातावरण को शुद्ध रखना उनके योगदान का केवल एक हिस्सा है।
ट्रस्ट ने अपील की कि हर व्यक्ति को कम से कम एक पौधा अपने जीवन में जरूर लगाना चाहिए, और उसका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि हम आज पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका गंभीर खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।

पर्यावरणीय परिवर्तन के प्रति सचेत रहने की सलाह
नीरजा देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट ने लोगों को यह भी सलाह दी कि जलवायु परिवर्तन केवल एक वैज्ञानिक शब्द नहीं, बल्कि एक वास्तविकता है जिसे हम अपने दैनिक जीवन में महसूस कर सकते हैं — बढ़ती गर्मी, अनियमित वर्षा, ग्लेशियरों का पिघलना, जल संकट और जैव विविधता में कमी जैसे लक्षण इसके प्रमाण हैं। ऐसे में समय रहते अगर हम नहीं चेते, तो यह संकट और गंभीर हो सकता है।
इसलिए ट्रस्ट ने कुछ व्यावहारिक सुझाव भी दिए:
प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें
घरेलू कचरे को सही ढंग से अलग करें और रिसाइकल करें
जल का अपव्यय न करें
निजी वाहनों के स्थान पर सार्वजनिक परिवहन या साइकिल का प्रयोग करें
हर त्योहार और सामाजिक कार्यक्रम को पर्यावरण-अनुकूल ढंग से मनाएं
स्थानीय लोगों की भागीदारी
कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों ने विशेष उत्साह दिखाया। कई बुजुर्गों ने अपने अनुभव साझा किए कि पहले के समय में पेड़-पौधों की बहुतायत हुआ करती थी, जिससे जलवायु संतुलित रहती थी और बीमारियाँ भी कम होती थीं। युवाओं और स्कूली बच्चों ने भी इस अवसर पर संकल्प लिया कि वे प्रतिवर्ष एक पौधा लगाएंगे और उसकी देखभाल करेंगे।
एक स्थानीय छात्रा ने कहा, “आज मैंने पहली बार पौधा लगाया और मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। मैं हर साल कम से कम एक पौधा ज़रूर लगाऊँगी।” इस तरह की भावनाएँ समाज में सकारात्मक ऊर्जा और बदलाव की लहर को जन्म देती हैं।

ट्रस्ट का भविष्य की योजनाएँ
नीरजा देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट केवल एक दिन का आयोजन कर रुकने वाला संगठन नहीं है। उन्होंने भविष्य में और भी वृक्षारोपण अभियानों की योजना बनाई है, विशेषकर स्कूलों, कॉलेजों और शहरी बस्तियों में। साथ ही, ट्रस्ट द्वारा एक “ग्रीन गार्जियन” कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें हर स्वयंसेवक एक पौधे को गोद लेगा और उसकी नियमित देखभाल करेगा।
ट्रस्ट का दीर्घकालिक उद्देश्य है कि ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरणीय जागरूकता को इस स्तर तक बढ़ाया जाए कि हर नागरिक खुद को इस अभियान का हिस्सा माने।